ताटंक

ताटंक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ताटंक के मैथिली अर्थ

संज्ञा, आलंकारिक

  • तड़का, बोड़

Noun, Classical

  • an ornament of ear.

ताटंक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कान में पहनने का एक गहना, करनफूल, तरकी

    उदाहरण
    . चलि चलि जात निकट स्रवननि के उलटि पलचि ताटंक फँदाते ।

  • छप्पय के २४ वें भेद का नाम
  • एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ और १४ के विराम से ३० मात्राएँ होती हैं और अंत में मगण होता है, किसी किसी के अंत में एक गुरु का ही नियम रखा है, लावनी प्रायः इसी छंद में होती है

ताटंक के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • कान का एक आभूषण

    उदाहरण
    . स्रवन ताटंक हाटक रत्न खचित ।

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