taittiriiya meaning in hindi
तैत्तिरीय के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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कृष्ण यजुर्वेद की छियासी शाखाओं में से एक
विशेष
. यह आत्रेय अनुक्रमणिका और पाणिनि के अनुसार तित्तिरि नामक ऋषि प्रोक्त है। पुराणों में इसके संबंध में लिखा है कि एक बार वैशंपायन ने ब्रह्महत्या की थी। उसके प्रायश्चित के लिए उन्होंने अपने शिष्यों को यज्ञ करने की आज्ञा दी। सब शिष्य तो यज्ञ करने के लिए तैयार हो गए, पर याज्ञवल्क्य तैयार न हुए। इस पर वैशंपायन ने उनसे कहा कि तुम हमारी शिष्यता छोड़ दो। याज्ञवल्क्य ने जो कुछ उनसे पढ़ा था वह सब उगल दिया; और उस वमन को उनके दूसरे सहपाठियों ने तीतर बनकर चुग लिया। -
तैत्तिरीय शाखा का एक प्रसिद्ध उपनिषद्
विशेष
. यह तीन भागों में विभक्त है। पहला भाग संहितोष—निषद या शिक्षावल्ली कहलाता है; इसमें व्याकरण और अद्वैतवाद संबंधी बातें हैं। दूसरा भाग आनंदवल्ली और तीसरा भाग भृगुवल्ली कहलाता है। इन दोनों सम्मिलित भागों को वारुणी उपनिषद भी कहते हैं। तैत्तिरीय उपनिषद् में बह्मविद्या पर उत्तम विचारों के अतिरिक्त श्रुति, स्मृति और इतिहास संबंधी भी बहुत सी बातें हैं। इस उपनिषद् पर शंकराचार्य का बहुत अच्छा भाष्य है।
तैत्तिरीय के तुकांत शब्द
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