Ta.nkaarii meaning in braj
टंकारी के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- टंकार
विशेषण
- टंकार उत्पन्न करने वाला
टंकारी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक पेड़ जिसकी पत्तियाँ लंबोतरी होती है
विशेष
. फूल के भेद से इसकी कई जातियाँ हैं। किसी में लाल फूल लगते हैं, किसी में गुलाबी और किसी में सफे़द। फूल गुच्छों में लगते हैं जिनके झड़ने पर छोटे-छोटे फलों के गुच्छे लगते हैं। यह क्षुप जँगलों में बहुत होता है। वैद्यक में इसका स्वाद—कटु और गुण वात कफ का नाशक और अग्निदीपक लिखा है। टंकारी उदर रोग और विसर्प रोग में भी दी जाती है।
विशेषण
- टंकार उत्पन्न करने वाला
टंकारी के मैथिली अर्थ
टँकारी
संज्ञा
- टँकबाक पैघ सुइ/टाकु
Noun
- big needle used for quilting.
टंकारी के तुकांत शब्द
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