तेँदू

तेँदू के अर्थ :

तेँदू के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वृक्ष जिसके फल खाने के काम आते हैं तथा भीतरी संरचना और स्वाद में चीकू के समान होते हैं, इसके पत्तों से बीड़ी बनाई जाती है

तेँदू के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • मझोले आकार का एक वृक्ष जो भारतवर्ष, लंका, बरमा और पूर्वी बंगाल के पहाड़ी जंगलों में पाया जाता है

    विशेष
    . यह पेड़ जब बहुत पुराना हो जाता है तब इसके हीर की लकड़ी बिलकुल काली हो जाती है । वही लकड़ी आबनूस के नाम से बिकती है । इसके पत्ते लंबोतरे, नोकदार, खुरदुरे और महुवे के पत्तों की तरह पर उससे नुकीले होते हैं । इसकी छाल काली होती है जो जलाने से चिड़चिड़ाती है ।

  • इस पेड़ का फल जो नींबू की तरह का हरे रंग का होता है और पकने पर पाला हो जाता और खाया जाता है

    विशेष
    . वैद्यक में इसके कच्चे फल को स्निग्ध, कसैला, हलका, मलरोधक, शीतल, अरुचि और वात उत्पन्न करनेवाला और पक्के फल को भारी, मधुर, स्वादु, कफकारी और पित्त, रक्तरोग और वात का नाशक माना है ।

  • सिंध और पंजाब में होनेवाला एक प्रकार का तरबूज जिसे ' दिलपसंद' भी कहते हैं

तेँदू के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • एक अत्यंत उपयोगी मझोले कद का जंगली वृक्ष, इसकी कीमती काली लकड़ी आबनूस कही जाती है, पत्ते बीड़ी बनाने के काम में आते हैं तथा गोल-पीले फल खाए जाते हैं

तेँदू के तुकांत शब्द

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