tiirth meaning in angika
तीरथ के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- तीर्थ
तीरथ के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a place of pilgrimage
- sacred place
तीरथ के हिंदी अर्थ
तीर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह स्थान जहाँ लोग पूजा-पाठ, देवी-देवता के दर्शन और पर्यटन के लिए जाते हैं
- दे. तीर्थ
- धार्मिक उद्देश्य या भक्ति से पवित्र स्थान पर दर्शन,पूजा आदि के लिए जाने की क्रिया
- पवित्र या पौराणिक महत्व का कोई स्थान; पुण्य क्षेत्र; धर्मस्थान
-
दशनामी संन्यासियों का एक प्रकार
उदाहरण
. तीर्थ द्वारिका में रहते हैं । - धर्म-ग्रंथों द्वारा मान्य वह पवित्र स्थान जहाँ लोग धर्मभाव से पूजा, उपासना या दर्शन के लिए जाते हैं
- तीर्थ
- जलाशय आदि में उतरने अथवा नाव के यात्रियों के उतरने-चढ़ने के लिए बनी हुई सीढ़ियाँ, घाट
- मार्ग, रास्ता
-
वह पवित्र वा पुण्य स्थान जहाँ धर्म- भाव से लोग यात्रा, पूजा या स्नान आदि के लिये जाते हों , जैसे, हिंदुओं के लिये काशी, प्रयाग, जगन्नाथ, गया, द्वारका आदि; अथवा मुसलमानों के लिये मक्का और मदीना
विशेष
. हिंदुओं के शास्त्रों में तीर्थ तीन प्रकार के माने गए हैं,— (१) जंगम; जैसे, ब्राह्मण और साधु आदि; (२) मानस; जैसे, सत्य, क्षमा, दया, दाद, संतोष, ब्रह्मचर्य, ज्ञान धैर्य, मधुर भाषण आदि; और (३) स्थावर; जैसे, काशी, प्रयाग गया आदि । इस शब्द के अंत में 'राजा', 'पति' अथवा इसी प्रकार का और शब्द लगाने से 'प्रयाग' अर्थ निकलता है,— तीर्थराज या तीर्थपति = प्रयाग । तीर्थ जाने अथवा वहाँ से लौट आने के समय हिंदुओं के शास्त्रों में सिर मुँड़ाकर श्राद्ध करने और ब्राह्मणों को भोजन करने का भी विधान है । - -देव-पुं० [ष० त० वा उपमि० स०] शिव
- कोई पवित्र स्थान
-
हाथ में के कुछ विशिष्ट स्थान
विशेष
. दाहिने हाथ के अँगूठे का ऊपरी भाग ब्रह्मतीर्थ, अँगूठे और तर्जनी का मध्य भाग पितृतीर्थ, कनिष्ठा उँगली के नीचे का भाग प्रजापत्य तीर्थ और उँगलियों का अगला भाग देव- तीर्थ माना जाता है । इन तीर्थों से क्रमशः आचमन, पिंडदान, पितृकार्य और देवकार्य किया जाता है । - शास्त्र
- यज्ञ
- स्थान , स्थल
- उपाय
- अवसर ९
- नारीरज , रजस्वला का रक्त
- अवतार
- चरणामृत , देव-स्नान-जल
- उपाध्याय , गुरु
- मंत्री , अमात्य
- योनि
- दर्शन
- घाट
- ब्राह्मण , विप्र
- निदान , कारण १९
- अग्नि
- पुण्यकाल
- संन्यासियों की एक उपाधि
- वह जो तार दे , तारनेवाला
- वैरभाव को त्यागकर परस्पर उचित व्यवहार
- ईश्वर
- माता पिता
- अतिथि , मेहमान
-
राष्ट्र की अठारह संपत्तियाँ
विशेष
. राष्ट्र की इन अठारह संपत्तियों के नाम हैं,—(१) मंत्री, (२) पुरोहित (३) युवराज । (४) भूपति, (५) द्वारपाल, (६) अंतवँसिक, (७) कारागाराध्यक्ष, (८) द्रव्य- संचयकारक, (९) कृत्याकृत्य अर्थ का विनियोजक, (१०) प्रर्देष्टा, (११ - नगराध्यक्ष, (१२) कार्य निर्माणकारक, (१३) धर्माध्यक्ष, (१४) सभाध्यक्ष, (१५) दंडपाल, (१६) दुर्गपाल, (१७) राष्ट्रांतपाल और (१८) अटवीपाल
- मार्ग , पथ (को॰) २९
- जलाशय (को॰)
- साधना , माध्यम (को॰)
- स्त्रोत , मूल (को॰)
- मंत्रणा , परामर्श , जैसे कृततीर्थ = जो मंत्रणा कर चुका हो
- चात्वाल और उत्कर के बीच का वेदी का पथ (को॰)
विशेषण
- पवित्र, पावन, पूत
- मुक्त करनेवाला, रक्षक
तीरथ के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएतीरथ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएतीरथ के कन्नौजी अर्थ
- तीर्थ
तीरथ के गढ़वाली अर्थ
तीर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पुण्यस्थान, पवित्रस्थान, देवस्थान
Noun, Masculine
- a sacred place, a holyspat, a ahrine, a place of pilgrimage.
तीरथ के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- तीर्थ, तीर्थ स्थान तीर्थ यात्रा
तीरथ के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- तीर्थ स्थान
तीरथ के बुंदेली अर्थ
तीर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- तीर्थ स्थान ,पवित्र स्थान,
तीरथ के ब्रज अर्थ
तीर्थ
पुल्लिंग
- पवित्र स्थल , तीर्थ
तीरथ के मगही अर्थ
संज्ञा
- दे. 'तिरीथ', तीर्थ, पवित्र स्थान जहाँ लोग धार्मिक कार्य के लिए जाते हैं, पवित्र स्थल
तीरथ के मैथिली अर्थ
तीर्थ
संज्ञा
- पुण्यभूमि, एहन नदी-तट वा स्थल जतए धार्मिक लोक पुण्यार्थ जाइत अछि, जेना प्रयाग, काशी इत्यादि
- कोनो शास्त्रक विशिष्ट विद्वान, गुरु, आचार्य
Noun
- holy place of pilgrimage.
-
master of a discipline.
उदाहरण
. काव्यतीर्थ
अन्य भारतीय भाषाओं में तीर्थ के समान शब्द
पंजाबी अर्थ :
तीरथ - ਤੀਰਥ
गुजराती अर्थ :
तीर्थ - તીર્થ
यात्रानी जग्या - યાત્રાની જગ્યા
उर्दू अर्थ :
मुक़ाम-ए-मुक़द्दस - مقام مقدس
कोंकणी अर्थ :
तीर्थस्थान
तीर्थ के तुकांत शब्द
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