तीवर

तीवर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

तीवर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मछुआ, बहेलिया, धीवर

तीवर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • खारे पानी की वह विशाल राशि जो चारों ओर से पृथ्वी के स्थल भाग से घिरी हुई हो, समुद्र
  • शिकार करने वाला व्यक्ति, व्याध, शिकारी
  • मछुआ; धीवर
  • एक वर्णंसंकर अंत्यज आति

    विशेष
    . यह बह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राजपूत माता और क्षत्रिय पिता के गर्भ से उचा पराजर के मत से राजपूत माता और चूर्णक पिता के गर्भ से उत्पन्न है । कुछ गौण तीवर और धीवर को एक मानते हैं । स्मृति के अनुसार तौवर को स्पर्श करने पर स्नान करने की आवश्यकता होती है ।

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