तिन्नी

तिन्नी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

तिन्नी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पहनी हुई साड़ी का अग्रभाग जो चुन्नटें बनाकर कमर के अग्रभाग से खुर्सा जाता है

तिन्नी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार का जंगली धान जो तालों में आपसे आप होता है

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ जड़हन का सी ही होती हैं । पौधा तीन चार हाथ ऊँचा होता है । कातिक में इसकी बाल फूटती है जिसमें बहुत लंबे लंबे टूँड़ होते हैं । बाल के दाने तैयार होने पर गिरने लगते हैं, इससे इकट्ठा करनेवाले या तो हटके में दानों को झाड़ लेते हैं अथवा बहुत से पौधों के सिरों को एक में बाँध देते हैं । तिन्नी का धान लंबा और पतला होता है । चावल खाने में नीरस और रूखा लगता है और व्रत आदि में खाया जाता है ।

  • नीवी, फुफुती

तिन्नी के अवधी अर्थ

तिन्नाक चाउर

स्त्रीलिंग

  • फलाहार का चावल

तिन्नी के बघेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • साड़ी व धोती का वह भाग जो पर्तदार मोड़कर नाभि के नीचे कमर के सहारे व्यवस्थित किया जाता है

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