tiriya charit jaana.i na ko.ii, khasam maari kai sattii ho.ii meaning in kannauji
तिरिया चरित जानइ ना कोई, खसम मारि कै सत्ती होई के कन्नौजी अर्थ
- स्त्री का चरित्र कोई भी नहीं जान सकता, वह तो पति का मारकर सती होती है यहाँ समझ में न आने वाली बात यह है कि पति को मारा था तो सती क्यों हुई और सती ही होना था तो पति को मारा क्यों ?
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