tripushkar meaning in hindi

त्रिपुष्कर

  • स्रोत - संस्कृत

त्रिपुष्कर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फलित ज्योतिष में एक योग जो पुनर्वसु, उत्तराषाढ़ा, कृत्तिका, उत्तराफाल्गुनी, पूर्वभाद्रपद और विशाखा नक्षत्रों, रवि, मंगल और शनि वारों तथा द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी तिथियों में से किसी एक नक्षत्र, वार या तिथि के एक साथ पड़ने से होता है

    विशेष
    . इस योग में यदि कोई मरे तो उसके परिवार में दो आदमी और मरते हैं और उसके संबंधियों को अनेक प्रकार के कष्ट होते हैं। इसमें यदि कोई हानि हो तो वैसी ही हानि और दो बार होती है और यदि लाभ हो तो वैसा ही लाभ और दो बार होता है। बालक के जन्म के लिए यह योग जारज योग समझा जाता है।

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