trishaa.nsh meaning in hindi

त्रिशांश

  • स्रोत - संस्कृत

त्रिशांश के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • किसी पदार्थ का तीसवाँ भाग, किसी चीज़ के तीस भागों में से एक भाग
  • एक राशि का तीसवाँ भाग (या डिग्री) जिसका विचार फलित ज्योतिष में किसी बालक का जन्मफल निकालने के लिए होता है

    विशेष
    . फलित ज्योतिष में मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ ये छह राशियाँ विषम और वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन ये छह राशियाँ सम मानी जाती हैं। त्रिंशांश का विचार करने में प्रत्येक विषम राशि के 5, 5, 8, 7 और 5 त्रिंशांशों के क्रमश: मंगल, शनि, बृहस्पति, बुध और शुक्र अधिपति या स्वामी माने जाते हैं और सम 5, 7, 8, 5, और 5 त्रिशांशों के स्वामी ये ही पाँचों ग्रह विपरीत क्रम से— अर्थात् शुक्र, बुध, बृहस्पति, शनि और मंगल माने जाते हैं। अर्थात् — प्रत्येक विषम राशि के 1 से 5 त्रिंशांश तक के अधिपति — मंगल 6" 10 " " " — शनि 11 " 18 " " " — बृहस्पति 11 " 25 " " " —बुध 26 " 30 " " " —शुक्र माने जाते हैं । पर सम राशियों में त्रिंशांशों और ग्रहों के क्रम उलट जाते हैं और प्रत्येक राशि के 1 " 5 त्रिंशांश तक के अधिपति —शुक्र 6 " 12 " " " — बुध 13 " 20 " " " —बृहस्पति 21 " 25 " " " —शनि 26 " 30 " " " —मंगल माने जाते हैं। प्रत्येक ग्रह के त्रिंशांश में जन्म का अलग-अलग फल माना जाता है। जैसे— मंगल के त्रिंशांश में जन्म होने का फल स्त्रीविजयी, धनहीन, क्रोधी और अभिमानी आदि होना और बुध के त्रिंशांश में जन्म होने का फल बहुत धनवान् और सुखी होना माना जाता है।

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