trivritkarN meaning in hindi
त्रिवृत्करण के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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अग्नि, जल और पृथ्वी इन तीनों तत्वों में से प्रत्येक में शेष दोनों तत्वों का समावेश करके प्रत्येक को अलग-अलग तीन भागों में विभक्त करने की क्रिया
विशेष
. इस विचार पद्धति के अनुसार प्रत्येक तत्व में शेष तत्वों का भी समावेश माना जाता है। उदाहरण के लिए अग्नि को लीजिए। अग्नि में अग्नि, जल और पृथ्वी का समावेश माना जाता है; और इन तीनों तत्वों के अस्तित्व के प्रमाणस्वरूप अग्नि की ललाई, सफे़दी और कालिमा उपस्थित की जाती है। अग्नि की ललाई उसमें अग्नितेज के होने का, उसकी सफे़दी उसमें बल के होने का और उसमें की कालिमा उसमें पृथ्वी तत्व होने का प्रमाण माना जाता है। छांदोग्योपविषद् के छठे प्रपाठक के चौथे खंड में इसका पूरा विवरण दिया हुआ है। जान पड़ता है, उस समय तक लोगों को केवल तीन ही तत्वों का ज्ञान हुआ था और पीछे से जब और दो तत्वों का ज्ञान हुआ तब तत्वों के पंचीकरण वाली पद्धति निकली।
त्रिवृत्करण के तुकांत शब्द
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