updhaatu meaning in braj
उपधातु के ब्रज अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- अप्रधान धातु जैसे—सोना माखी, तूतिया आदि
- शारीरिक धातुओं से बनी अप्रधान धातु यथा-पसीना, दूध, चर्बी आदि
उपधातु के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
ऐसी धातु जो या तो लोहे, ताँबे आदि धातुओं के योग से बनती है, या उनका विकार है अथवा ख़ानों से निकलती है, अप्रधान धातु, अर्ध धातु, मिश्र धातु
विशेष
. प्रधान धातुओं के समान उपधातु भी सात गिनाई गई हैं—सेनामक्खी, रूपामाखी, तूतिया, काँसा, मुर्दासंख, सिंदूर, शिलाजंतु या गेरू। किसी किसी के मत से सात उपधातुएँ ये हैं—सेनामाखी, नीलाथोथा, हरताल, सुरमा, अभ्रक, मैनसिल और खपरिया। - शरीर में रस, रक्त आदि सात धातुओं से बने हुए दूध, चर्बी, पसीना आदि पदार्थ
उपधातु के तुकांत शब्द
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