upendravajraa meaning in braj
उपेन्द्रवज्रा के ब्रज अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- ग्यारह वर्णों का एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः जगण, तगण, जगण और अंत में दो गुरु होते हैं
उपेन्द्रवज्रा के हिंदी अर्थ
उपेंद्रवज्रा
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
ग्यारह वर्णो की एक वृत्ति जिसमें क्रमशः जगण, तगण,जगण और अंत में दो गुरु होते हैं
उदाहरण
. अकंप धूम्राक्षहि जानि जूझ्यो, महोदरै रावण मंत्र बूझ्यो, सदा हमारे तुम मंत्रवादी, रहे कहा ह्वै अति ही विषादी।
उपेंद्रवज्रा के तुकांत शब्द
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