uras meaning in braj
उरस के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- जिसमें रस न हो, नीरस, बिना रस का
-
वक्षस्थल, छाती
उदाहरण
. चटक पिय प्यारी लटकि लपटि उरसि राजे। - हृदय, चित्त
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
-
उठाना-गिराना, ऊपर-नीचे करना, उथल-पुथल करना
उदाहरण
. आतुर ह्व परसत कुच प्यारी उरसति उत।
उरस के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; विशेषण
-
फीका, कुरस, नीरस, बेस्वाद का
उदाहरण
. चलो लाल कछू करो बियारी। बेसन मिले उरस मैदा सों अति कोमल पूरी है भारी। - चौड़ी छाती वाला
- सर्वश्रेष्ठ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- छाती, वक्षस्थल
- हृदय, चित्त
अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
आकाश, आसमान
उदाहरण
. भारथ गज थाँटा भिड़ै, अड़ै भुजाँ उरसाँह।
उरस के मालवी अर्थ
विशेषण
- नीरस बहुत खट्टा
उरस के तुकांत शब्द
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