uttuu meaning in braj
उत्तू के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- दे० 'उतू'
- दे० 'उतू'
विशेषण
- बदहवाश , नशे में चूर
- बदहवाश , नशे में चूर
उत्तू के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह औजार जिसकी गरम करके कपड़े पर बेल बूटों रथा चुन्नट के निशान ड़ालते हैँ
- बेलबूटे का काम जो इस औजार से बनता है , क्रि॰ प्र॰—करना , का काम बनना
- कपड़े पर बेल बूटे की छाप या चुन्नट ड़ालना , मारकर उत्तू बनाना=किसि को इतना मारना की उसके बदन में दाग पड़ जायँ तो कुछ दिन तक बने रहें
विशेषण
- बदहवाशा , नशे में चूर , क्रि॰ प्र॰— करना , — होना , जैसे, उसने इतनी भाँग पी ली कि उत्तू हो गया (शब्द॰)
उत्तू से संबंधित मुहावरे
उत्तू के बघेली अर्थ
- खुल जाना
उत्तू के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
शान, चमक-दमक, होश, चेतना, त्वरित बुद्धि,
उदाहरण
. प्र. शेर देख के उनकी उत्तू भूल गई ।
उत्तू के तुकांत शब्द
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