vaajasney meaning in hindi

वाजसनेय

वाजसनेय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वाजसनेय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • यजुर्वेद की एक शाखा नाम

    विशेष
    . इसे याज्ञवल्क्य ने अपने गुरु वैशंपायन पर क्रुद्ध होकर उनकी पढ़ाई हुई विद्या उगलने के बाद सूर्य के तप से प्राप्त किया था। मत्स्य पुराण के अनुसार वैशंपायन के शाप से वाजसनेय शाखा नष्ट हो गई, पर आजकल शुक्ल यजुर्वेद की जो संहिता मिलती है, वह वाजसनेय संहिता कहलाती है। यजुर्वेद के दो पाठ हैं शुक्ल और कृष्ण। शुक्ल में 15 शाखा हैं; कराव, माध्यंदिन; जाबाल, बुधेय, शाकेय, तापनीय, कापीस, पौंड्रवहा, आवर्त्तिक, परमावर्त्तिक, पाराशरीय, वैनेय, बौधेय, औघेय और गालव। यह सब एकत्रित होकर वाजसनेयी शाखा भी कहलाती हैं।

  • याज्ञवल्क्य ऋषि जो सूर्य के छात्र थे

वाजसनेय के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • यजुर्वेद की एक शाखा

Noun, Masculine

  • a recension of Yajurveda

वाजसनेय के तुकांत शब्द

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