vaakyapdiiy meaning in hindi

वाक्यपदीय

  • स्रोत - संस्कृत

वाक्यपदीय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भर्तृहरि द्वारा विरचित एक व्याकरण ग्रंथ जिसमें तीन कांड हैं, वाक्यपद संबंधी व्याकरण दर्शन के सिद्धांतों का कारिकाओं में गूढ़ विबेचन है, व्याकरण दर्शन के प्राचीनतम और प्रामाणिक ग्रंथों में इसकी गणना है, शब्दब्रह्म, स्फोटब्रह्म और स्फोटवाद का इसमें प्रतिपादन है, इसे 'हरिकारिका' भी कहते हैं, इसकी दो प्राचीन टीकाएँ प्राप्त होती हैं

वाक्यपदीय के तुकांत शब्द

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