vaasak meaning in malvi
- स्रोत - संस्कृत
- देखिए - बाकस
वासक के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वासुकि, वासुकि नाग, वासक देव।
वासक के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वासुकि, आठ नागों में से दूसरा नागराज
विशेष
. पुराणों के अनुसार वासुकि वही नाग है जिसका उपयोग देवताओं और दानवों ने समुद्रमंथन के समय मंदराचल पर्वत को बांधने की रस्सी के तौर पर किया था। त्रिपुरदाह के समय वह शिव के धनुष की डोर बना था।उदाहरण
. एक दंत पाताल चलावा। तहाँ जाय वासक को खावा। - अड़ूसा
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गान का एक अंग
विशेष
. शंकर के मत से मनोहर, कंदर्प, चारु और नंदन नामक इसके चार भेद हैं। कोई-कोई विनोद, वरद, नंद और कुमुद को इसका भेद मानते हैं। - वासर, दिन, दिवस
- शालक राग का एक भेद
- वस्त्र
- गध, सुगंधद्रव्य
- शयनागार, शयनकक्ष
- एक प्रकार की औषधीय झाड़ी जो चार से आठ फुट ऊँची होती है और जिसमें सफे़द फूल लगते हैं
विशेषण
- सुवासित करने वाला, सुगंधित करने वाला
- बसाने वाला, बसने के लिए प्रेरित करने वाला
वासक के तुकांत शब्द
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