vahirlaapikaa meaning in hindi
वहिर्लापिका के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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कोई ऐसा टेढ़ा वाक्य या प्रश्न जिसका उत्तर बतलाने के लिए श्रोता से कहा जाए,पहेली
विशेष
. पहेलियाँ दो प्रकार की होती हैं। जिनके उत्तर का शब्द पहेली के वाक्य के अंदर ही रहता है, उसे 'अंतर्लापिका' कहते हैं। और जिनके उत्तर का पूरा शब्द पहेली के अंदर नहीं होता, वे 'वहिर्लापिका' कहलाती हैं। जैसे—भाखैं काह सज्जन को ? कौन शंभु वाहन है ? काको सुख होत ? काकी माल शिव धारो है ? कहा गज बंधन ? छबीले रंग का के अति ? कौन हरपुत्र ? सीसुत को सुप्यारो है। शोभा को सुनाम को है ? कृष्ण नख धारो कहा ? सिंधु से मिलत कौन ? काह अनियारो है ? उत्तर के वर्णन में आदि अंत छाँड़ि दीजै, मध्य लीजै सो हिये मनोरथ हमारो है। इन प्रश्नों के उत्तर क्रमशः ये होंगे—(1) सयाने (2) बरद (3) सुकती। (4) कपाल (5) साँकल (6) हरिणी (7) गनेश (8) मुकता (9) पानिप (10) पहाड़ (11) सरिता (12) नयन। उत्तर के इन शब्दों के मध्याक्षर लेने से यह उत्तर वाक्य निकलता है,—यार कृपा करि नेक निहारिय।
वहिर्लापिका के तुकांत शब्द
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