vajrakshaar meaning in hindi
वज्रक्षार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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वैद्यक में एक रसायन योग जिसका व्यवहार गुल्म, शूल, अजीर्ण, शोथ तथा मंदाग्नि आदि उदर रोगों में होता है
विशेष
. साँभर, सैधव, काच और सौवर्चल लवण तथा जवाखार और सज्जी सम भाग लेकर चूर्णं करते हैं; और उसको थूहर के दूध में भिगोकर तीन दिन तक छाया में सुखाते हैं। इसके उपरांत उस चूर्ण को आक (मदार) के पत्तों में लपेटकर एक घड़े में गजपुट द्वारा फूँकते हैं। जब वह भस्म हो जाता है, तब उसमें सोंठ, मिर्च, पीपल, त्रिफला, अजवायन, जीरा और चित्रक (चीता) का चूर्ण उतना ही मिलाकर खरल कर लेते हैं और दो टंक मात्रा में सेवन कराते हैं। इसका अनुपान उष्ण जल, गोमूत्र, घी या काँजी है।
वज्रक्षार के तुकांत शब्द
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