vami meaning in hindi
वमि के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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एक रोग, जिसमें मनुष्य का जी मतलाता है, मुँह से पानी छूटता है और जो कुछ वह खाता पीता है, उसे मुँह के रास्ते निकालकर बाहर फेंक देता या कै कर देता है
विशेष
. यह वमन रोग पाँच प्रकार का माना गया है,—वातज, पित्तज, कफज, सन्निपातज, और आगंतुक । वातज में बगल और छाती में दर्द, मस्तक और नाभि में शूल तथा अंगो में सूई छेदने की सी पीड़ा होती है । वमन बड़े वेग से और बड़े शब्द के साथ अधिक मात्रा में निकलता है । पित्तज में मूर्छा, प्यास, मुँह सूखना, तालू और आँखों में जलन और आँखों के सामने अँधेरा छाना आदि लक्षण होते हैं और वमन कुछ हरा और तीता होता है । कफज में मुँह मीठा रहता है, कुछ कफ निकलता है । भोजन की अनिच्छा होती है, शरीर भारी जान पड़ता है । भोजन की अनिच्छा होती है, शरीर भारी जान वमन के समय रोंगटे खड़े हो जाते हैं और बड़ी पीड़ा होती है । आगंतुक वमन कोई बुरी वस्तु खा लेने या घृणित वस्तु देखने या सूँघने से एकबारगी हो जाता है । - वमन कराने वाली दवा
संज्ञा, पुल्लिंग
- अग्नि
- धतूरा
- दुष्ट
वमि के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएवमि के तुकांत शब्द
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