vapushTamaa meaning in hindi
वपुष्टमा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- पद्मचारिणी लता
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हरिवंश पुराण के अनुसार काशीराज को एक कन्या जो परीक्षित के पुत्र जनमेजय को ब्याही थी
विशेष
. हरिवंश में लिखा है कि राजा जनमेजय ने एक अश्वमेध यज्ञ किया। उनकी पत्नी, वपुष्टमा साथ ही बैठी थी। इंद्र ने अश्व के शरीर में प्रविष्ट होकर उसके साथ सहवास किया। जब मरा हुआ अश्व जीवित दिखाई पड़ा, तब इंद्र की चाल का पता लगा। जनमेजय ने कुद्ध होकर इंद्र को शाप दिया कि अब से अश्वमेध में तुम्हारा कोई पूजन न करेगा। उन्होंने ऋत्विक् ऋषयों को भी देश से निकाल दिया और वपुष्टमा का भी तिरस्कार किया। उसी समय गंधर्वराज विश्वावसु ने आकर राजा को समझाया कि इंद्र ने तुम्हारे अश्वमेध यज्ञों से डरकर रंभा अप्सरा को वपुष्टमा का शरीर धारण करा के भेजा है। ऋत्विजों को निकालने से तुम्हारा अश्वमेध का पुण्य क्षीण हो गया।
वपुष्टमा के तुकांत शब्द
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