वसिष्ठ

वसिष्ठ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वसिष्ठ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन ऋषि जिनका उल्लेख वेदों से लेकर रामायण, महाभारत, पुराणों आदि तक में है

    विशेष
    . वेदों में ये मित्र और वरुण के पुत्र कहे गए हैं। यज्ञ- स्थल में एक बार उर्वशी को देखकर मित्र और वरुण का वीर्यपात हो गया। वह वीर्य एक यज्ञकुंभ में रखा गया। कुंभ से वसिष्ठ और अगस्त्य का जन्म हुआ। 'बृहद्देवता' में लिखा है कि कुंभ के जल में मत्स्य, स्थल में वसिष्ठ और कुंभ में अगस्त्य उत्पन्न हुए थे। ऋग्वेद के अनुसार ये वसिष्ठ गांधार और काबुल की आर राज्य करने वाले त्रित्सु वंश के राजा दिवीदास के पौत्र और पिजवन के पुत्र सुदास के पुरोहित थे। सुदास ने इनको बहुत कुछ दान दिया था। एक बार सुदास ने यज्ञ करने के लिये विश्वामित्र को बुलाया, इस पर वसिष्ठ बहुत क्रुद्ध हुए। उन्होंने अपने अन्य यजमानों, भरतों के द्वारा विश्वामित्र को बहुत तंग किया। विश्वामित्र तो चले आए, पर सुदास के पुत्रों ने वसिष्ठ के सौ पुत्रों का नाश कर दिया। फिर वसिष्ठ ने 'एकस्मान्न' इत्यादि 50 मंत्रों द्वारा यज्ञ करके सौदासों को पराभूत किया।

  • सप्तर्षिमंडल का एक तारा जिसके पास का छोटा तारा अरुंधती कहलाता है
  • मांस
  • एक स्मृतिकार

वसिष्ठ के गढ़वाली अर्थ

वशिष्ठ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सप्त ऋषियों में एक ऋगवैदिक ऋषि
  • सप्त ऋषि मण्डल का एक तारा

Noun, Masculine

  • a famous PURANIC sage; one of the seven stars of Great Bear.

वसिष्ठ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • प्राचीन कालीन एक ऋषि जो रघुकुल के के गुरु थे

वसिष्ठ के तुकांत शब्द

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