ved meaning in braj
वेद के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
आर्यों के धार्मिक ग्रंथ-ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद , इनकी उत्पत्ति ब्रह्मा जी के चार मुखों से मानी जाती है
उदाहरण
. करत वेद धुनि सबै महामुनि होत नछिन विचारु ।
वेद के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- multitude, assembly
- the most ancient and sacred scriptures of the Hindus, four in number, viz, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
- knowledge, divine knowledge
वेद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- किसी विषय का, विशेषतः धार्मिक या आध्यात्मिक विषय का सच्छा और वास्तविक ज्ञान
- वृत्त
- वित्त
- हिंदुओं के चार धर्म ग्रंथ (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद)
- ज्ञान विशेषतः आध्यात्मिक ज्ञान; धर्मज्ञान
- यज्ञांग
-
भारतीय आर्यों के सर्वप्रधान और सर्वमान्य धार्मिक ग्रंथ जिनकी सख्या चार है और जो ब्रह्मा कें चारों मुखों से निकले हुए माने जाते हैं , आम्नाय , श्रुति
विशेष
. आरंभ में वेद केवल तीन ही थे—ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद (दे॰ उक्त तीनों शब्द) । इनमें ऋग्वेद पद्य में है और यजुर्वेद गद्य में और सामवेद गाने योग्य गीत या साम हैं । इसीलिये प्राचीन साहित्य में 'वेदत्रया' शब्द का ही अधिक प्रयोग देखने में आता है, यहाँ तक की मनु ने भी अपने धर्मशास्त्र में अनेक स्थानों पर 'वेदत्रयी' शब्द का ही व्यवहार किया है । चौथा अथर्ववेद पीछे से वेदों में संमलित हुआ था और तबसे वेद चार माने जाने लगे । इस चौथे या अंतिम वेद में शांति तथा पौष्टिक अभिचार, प्रायश्चित, तंत्र, मंत्र आदि विषय है । वेदों के तीन मुख्य भाग हैं जा सहिता, ब्राह्मण और आरण्यक या उपनिषद कहलाते हैं । संहिता शब्द का अर्थ सग्रह है, और वेदों के संहिता भाग में स्तोत्र, प्रार्थना, मंत्रप्रयोग, आशीर्वादात्मक सुक्त, यज्ञविधि से संबंध रखनेवाले मेंत्र और अरिष्ट आदि की शांत के लिये प्रार्थनाएँ आदि संमिलित हैं । वेदों का यही अंस मंत्र भाग भी कहलाता है । ब्राह्मण भाग में एक प्रकार से बड़े बड़े गद्य ग्रंथ आते हैं जिनमें अनेक देवताओं की कथाएँ, यज्ञ संबंधी विचार और भिन्न भिन्न ऋतुओं में होनेवाले धार्मिक कृत्यों के व्यावहारिक तथा आध्यात्मिक महत्व का निरुपण है । इनमें कथाओं आदि का जा अंश है, वह अर्यवाद कहलाता है, और धार्मिक कृत्यों की विधियोंवाले अंश को विधि कहते हैं । वनों में रहनेवाले यति, सन्यासी आदि परमेश्वर, जगत् औऱ मनुष्य इन तीनों के संबंध में जो विचार किया करते थे, वे उपनिषदों और आरण्यकों में संगृहीत हैं । इन्हीं में भारतवर्ष का प्राचीनतम तत्वज्ञान भार हुआ है । यह मानो वदों का अंतिम भाग है, और इसीलिये वेदांत कहलाता है । - कुश का पूला (को॰)
-
भारतीय आर्यों के सर्वप्रधान और सर्वमान्य धर्मग्रंथ
उदाहरण
. वेदों की संख्या चार है । - विष्णु का एक नाम (को॰)
- चार का संख्या (को॰) ९
- विधि , कर्मकांड (को॰)
- व्याख्या , कारिका (को॰)
- एक छंद (को॰)
- स्मृतिसाहित्य (को॰)
- अनुभूति (को॰)
- प्राप्ति (को॰)
- वित्त (को॰)
वेद के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएवेद के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएवेद के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- श्रुति, निगम
वेद के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- प्राचीनतम आर्य धर्म- ग्रन्थ; ऋक्, यजु, साम और अथर्व वेद
वेद के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हिन्दुओं के आदि धर्म ग्रन्थ |
Noun, Masculine
- primeval holy scriptures of the Hindus.
वेद के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- आर्यलोकनिक प्राचीनतम धर्मग्रन्थ
Noun
- the Vedas, oldest compendium of Aryan hymns.
वेद के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- सच्चा और वास्तविक ज्ञान, आर्यों के सर्व प्रधान और सर्वमान्य धार्मिक ग्रन्थ, श्रुति, ऋग यजु साम और अथर्ववेद, रोगियों की चिकित्सा करने वाले वैद्य, गाय या भैंस के बच्चे के लिए शब्द, जानकार, अनुभवी।
वेद के तुकांत शब्द
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