विभावना

विभावना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

विभावना के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • साहित्य में एक अर्थालंकार जिसमें (क) कारण के बिना कार्य की उत्पत्ति या (ख) अपूर्ण कारण से कार्य की उत्पत्ति या (ग) प्रतिबंध होते हुए भी कार्य की सिद्धि या (घ) जो जिस कार्य का कारँण नहीं हुआ करता, उससे उस कार्य की उत्पत्ति अथवा (ङ) विरुद्ध कारण से किसी कार्य की उत्पत्ति या (च) कार्य से कारण की उत्पत्ति दिखाई जाती है

    उदाहरण
    . और नदी नदन तें कोकनद होत तेरो कर कोकनद नदी नद प्रगटत हैं । . कारे घन उमड़ि अँगारे बरसत है । . तव बेनी नागिनि रहै, बाँधी गुनन बनाय । तऊ बाम व्रजचंद को बदाबदी डसि जाय । . अग्निधार स्वरत सुधाकर बिलोकिए । . राजकुमार सरोज से हाथिन सों गहि शंभु शरासन तोड़यौ । . सुनत लथत श्रुति नैन बिनु, रसना बिनु रस लेत ।

विभावना के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • विशेष रूप से चिंतन मनन ; एक अर्थालंकार ; शोभा देखने वाला

    उदाहरण
    . मच्छ कच्छ अवतार विभावन, भूतनि के भावनु. मनभावन ।

विभावना के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • काव्यक एक अलङ्कार

Noun

  • a figure of speech.

विभावना के तुकांत शब्द

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