vindhy meaning in hindi
विंध्य के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रसिद्ध पर्वत या पर्वतश्रेणी का नाम । विशेष—यह पर्वत भारतवर्ष के मध्य में पूर्व से पश्चिम को फैला हुआ है । आर्यावर्त देश की दक्षिण सीमा पर यह पर्वत है । विंध्य पर्वत के दक्षिण का प्रदेश दक्षिणापथ या दक्षिण कहलाता है । इससे दो प्रधान नदियाँ नर्मदा और ताप्ती दक्षिण और पश्चिम दिशा में बहकर अरब की खाड़ी में गिरती हैं , इस पर्वत के पत्थर प्रायः बलुए और परतदार होते हैं , इसकी अनेक शाखा प्रशाखाएँ सतपुरा आदि नाम से विख्यात हैं , पुराणानुसार यह सात कुलपर्वतों में है और मनु के अनुसार मध्य देश की दक्षिणी सीमा है , महाभारत में कथा है कि विध्य ने सूर्य से कहा कि मेरु के समान तुम हमारी प्रदक्षिणा किया करो , जब सूर्य ने न माना; तब विंध्य ऊपर बढ़ने लगा और यह आशंका हुई कि यह सूर्य का मार्ग ही रोक देगा , देवताओं ने अगस्त्य जी से प्रार्थना की , अगस्त्य उसके पाल गए और उसने साष्टांग दंडवत किया , मुनि ने कहा कि जबतक मैं न॰ लौटूं, तबतक इसी तरह पड़े रहना , इतना कहकर अगस्त्य जी चले गए और फिर वापस नही आए , कहते है कि इसी लिये यह पर्वत अब तक ज्यों का त्यों लेटा पड़ा है; और इसी लिये इसका इतना अधिक विस्तार है
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