viraaT meaning in braj
विराट के ब्रज अर्थ
विशेषण
- विशाल , विकराल
विराट के अँग्रेज़ी अर्थ
Adjective
- colossal, gigantic, enormous, huge
- hence विराटता (nf)
विराट के हिंदी अर्थ
विराट्
संज्ञा, पुल्लिंग
-
ब्रह्मा का वह स्थूल स्वरूप जिसके अंदर अखिल विश्व है अर्थात् सपूर्ण विश्व जिसका शरीर है , विश्वशरीरमय अनंत पुरूष
विशेष
. इस भावना का निरूपण इस प्रकार है— 'उस पुरूष के सहस्त्रों मस्तक, सहस्रो आँखों और सहस्त्रों चरण हैं । वह पृथ्वी में सर्वत्र व्याप्त रहने पर भी दस अंगुल ऊपर अवस्थित है । पुरूष ही सब कुछ है—जो हुआ है और जो होगा । उसकी इतनी बड़ी महिमा है, पर वह इससे कहीं बडा है । सँपूर्ण विश्व और भूत एक पाद है, आकाश का अमर अँश त्रिपाद हैं । उससे विराट् उत्पन्न हुए और विराट् से अधिपुरुष । उन्होंने आविर्भूत होकर संपूर्ण पृथ्वी को आगे पीछे घेर लिया ।' भगवदगीता के अनुसार भगवान् ने जो अपना विराट् स्वरूप दिखाया था, उसमें समस्त लोक, पर्वत, समुद्र, नद, नदी, देवता आदि दिखाई पड़े थे । बलि को छलने के लिये भगवान् ने जो त्रिविक्रम रूप धारण किया था, उसे भी विराट् कहते हैं । पुराणों में विराट् को ब्रह्मा का प्रथम पुत्र कहा है । ब्रह्मा दो भागों में विभक्त हुए— स्त्री और पुरूष । स्त्री अंश से विराट् की उत्पत्ति हुई जिसने स्वायंभुव मनु को उप्तन्न किया । स्वायं- भुत्र मनु सें प्रजापतियो की उत्पत्ति हुई । - कमल का बीज
-
विश्वरूप ब्रह्मा
उदाहरण
. पुराणों के अनुसार सूर्य, चाँद और अग्नि - ये विराट् के तीन नयन हैं । - लड़ाकू जाति , क्षत्रिय
- कृष्ण का एक रूप जो उन्होंने अर्जुन को दिखाया था
- विश्वरूप ब्रह्मा
- कांति , दीप्त , सौदर्य
- कृष्ण का एक रूप जो उन्होंने अर्जुन को दिखाया था
- हिंदुओं के चार वर्णों में दूसरे वर्ण का व्यक्ति जिसका काम देश पर शासन करना और शत्रुओं से उसकी रक्षा करना था
- शरीर , देह (को॰)
- हिंदुओं के चार वर्णों में दूसरा जिस वर्ण के लोगों का काम देश पर शासन करना और शत्रुओं से उसकी रक्षा करना था
- प्रज्ञान , प्रतिभा , प्रज्ञा , (वेंदांत दर्शन)
- अनंत लोकों अर्थात् तारों, ग्रहों, नक्षत्रों, आदि से युक्त संपूर्ण विश्व
- ब्रह्माड़ (को॰)
विशेषण
- आकार, मात्रा आदि में जो बहुत बड़ा हो
- विशाल; बहुत बड़ा
- अनंत
- आकार, मात्रा आदि में जो बहुत बड़ा हो
- बहुत बड़ा या भारी
- बहुत बड़ा, बहुत भारी, जैसे,— विराट् सभा, विराट् आयोजन
- शासन करनेवाला, प्रधान
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक वैदिक वृत्ति का नाम
- उत्कृष्टता, दीप्तिमत्ता, सुंदरता
विराट के मैथिली अर्थ
विशेषण
- विशाल, व्यापक
Adjective
- grand,anormous, all-pervasive.
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