विरस

विरस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

विरस के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जिसमें रस या मिठास न हो, स्वादहीन, फीका, बिना स्वाद का

    उदाहरण
    . जल पय सरिस, बिकाय, देखहु प्रीति की रीति यह। विरस तुरत ह्वै जाय, कपट खटाई परत ही।

  • जो अच्छा न लगे, विरक्तिजनक, जी हटाने वाला, अप्रिय, अरुचिकर

    उदाहरण
    . चहुँटो चिबुक चाँपि चूँबि लोल लोयन कौ, रस में विरस कलो वचन मलीनो है। गहि भरि लीनो कछू उत्तर न बाल दीनी हाल से हवाल राउ अंक भरि लीनो है।

  • (काव्य) जो रसहीन हो गया हो, जिसमें रस का निर्वाह न हो सका हो, नीरस, उबाऊ
  • क्रूर, निर्दय

संज्ञा, पुल्लिंग

  • काव्य में रसभंग

    विशेष
    . केशव ने इसे 'अनरस' के पाँच भेदों में से एक माना है।

  • पीड़ा, वेदना

विरस के अँग्रेज़ी अर्थ

Adjective

  • tasteless
  • insipid
  • juiceless
  • boring

विरस के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • नीरस , रसहीन , फीका , अप्रिय , अंरुचिकर

विरस के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • विकृत सोआद बाला
  • अप्रिय, विरक्तिकर

Adjective

  • detasting, tasteless, inspid.
  • boaring. Opp सरस।

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