viruuddharuupar meaning in hindi

विरूद्धरूपर

  • स्रोत - संस्कृत

विरूद्धरूपर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • केशव के अनुसार रूपक अलंकार का एक भेद, जिसमें कही हुई बात बिलकुल 'अनमिल' अर्थात् असंगत या असंबद्ध सी जान पड़ती है, पर विचार करने पर अर्थात् रूपक के दोनों पक्षों (उपमेय, उपमान) का ध्यान करने पर अर्थ संगत ठहरता है

    विशेष
    . इसमें उपमेय का कथन नहीं होता, इससे यह 'रूपकाति- शयोक्ति' ही है ।

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