vrittynupraas meaning in hindi

वृत्त्यनुप्रास

  • स्रोत - संस्कृत

वृत्त्यनुप्रास के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पाँच प्रकार के अनुपासों में से एक प्रकार का अनुप्रास जो काव्य में एक शब्दालंकार माना जाता है, इसमें एक या कई व्यंजन वर्ण एक ही या भिन्न भिन्न रुपों में बार बार आते हैं, जैसे, अति भारी कारी घटा, कारी बारी बैस, इसमें र और ब ये दो व्यंजन कई बार आए हैं, अतः यह वृत्त्ययनुप्रास हुआ

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