y meaning in maithili
य के मैथिली अर्थ
- वर्णमालाक छब्बीसम व्यञ्जन
- 26th consonant of alphabet.
य के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun
- the first of the य, र, ल, व series of the Devna:gri: alphabet, traditionally called अंत:स्थ (semi-vowels). Modern Phoneticians, however, regard only य and व as semi-vowels
य के हिंदी अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- हिंदी वर्णमाला का २६वाँ अक्षर, इसका उच्चारणस्थान तालु है, यह स्पर्श वर्ण और ऊष्म वर्ण के बीच का वर्ण है; इसलिये इसे अंतःस्थ वर्ण कहते हैं, इसके उच्चारण में कुछ आभ्यंतर प्रयत्न के अतिरिक्त संवार, नाद और घोष नामक बाह्य प्रयत्न भी होते हैं, यह अल्पप्राण है
-
हिंदी वर्णमाला का छब्बीसवाँ व्यंजन अक्षर जिसे स्पर्श वर्ण तथा ऊष्म वर्ण के बीच का वर्ण होने के कारण अन्तस्थ वर्ण कहा जाता है
उदाहरण
. य का उच्चारण स्थल तालू है जो यगण का संक्षिप्त एवं सूचक भी माना जाता है । - वर्णमाला का २६वाँ व्यंजन जो भाषा विज्ञान में स्थिति भेद के अनसार अंतस्थ, स्थान भेद के अनसार तालव्य, यत्न भेद के अनसार घोष, प्राणभेद के अनुसार अल्पप्राण तथा प्रयत्न भेद के अनुसार ईष स्पृष्ट है
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- यश
- योग
- यान, सवारी
- संयम
- छँद शास्त्र में यगण संक्षिप्त रूप, दे॰ 'यगण'
- यव, जौ
- यम
- त्याग
- प्रकाश
विशेषण
- ईरान, पारस या फारस देश संबंधी
य के अंगिका अर्थ
य:
- ई अंगिका वर्णमाला रौँ उन्नीसवी व्यंजन वर्ण छेकय जे उकार केरों विकार और अंतस्थ अर्द्ध वयंजन मानलोँ जाय छै । अंगिका उच्चारण में ईं ब' रॉ स्थान लैय छै। आरू एंकरों उच्चारण स्थान ओठ छै। मतरकि लिखित प्रयोग वांछनीय छै
य के कन्नौजी अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का छब्बीसवाँ व्यंजन वर्ण, इसे अन्तस्थ वर्ण की संज्ञा दी जाती है
य के कुमाउँनी अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का छब्बीसवाँ (व्यंजन) वर्ण; उच्चारण की दृष्टि से घोष; अल्पप्राण तालव्य; अर्द्ध व्यंजन
सर्वनाम
- यह, कर्ता-यैल; कर्म- यकणि; करण-यैल; सम्प्रदान-यकणि; अपा०-यबटि; सं०-यैक; अधि०-यमै
य के गढ़वाली अर्थ
यू, या, यु
- देवनागरी वर्णमाला का छब्बीसवां व्यंजन
सर्वनाम, क्रिया-विशेषण
-
यह, संज्ञा शब्द के पूर्व लगने पर विशेषण
उदाहरण
. य/यु नौनु - यह लड़का
सर्वनाम, क्रिया-विशेषण, विशेषण
- यह
- the twenty sixth consonant of Devanagari alphabet.
Pronoun, Adverb, Adjective
- this, these; he, the, it.
य के बुंदेली अर्थ
- हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि का अन्त.स्थ वर्ण इसका उच्चारण स्थान तालु है
य के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- योग ।; यश ।; संयम ।; सवारी।; श्रम।; प्रकाश; वायु, ८ यम , ९. धृति , १०. त्वक् , ११. बालक , १२. विष्णु , १३. यक्ष , १४. पथिक , १५. मिलावट , १६. एक की संख्या
य के मालवी अर्थ
- मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला में य वर्ग का प्रथमाक्षर।
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