yaagyavalkya meaning in hindi

याज्ञवल्क्य

  • स्रोत - संस्कृत

याज्ञवल्क्य के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध ऋषि जो वैशंपायन के शिष्य थे जो राजा जनक के दरबार में रहते थे और जो योगीश्वर याज्ञवल्क्य के नाम से प्रसिद्ध हैं, मंत्रेयी और कात्यायनी इन्हीं की पत्नियाँ थी

    विशेष
    . कहते हैं, एक बार वैशंपायन ने किसी कारण से अप्रसन्न होकर इनसे कहा कि तुम मेरे शिष्य होने के योग्य नहीं हो; अतः जो कुछ तुमने मुझसे पढ़ा है, वह सब लौटा दो। इस पर याज्ञवल्क्य ने अपने सारी पढ़ी हुई विद्या उगल दी, जिसे, वैशंपायन के दूसरे शिष्यों ने तीतर बनकर चुग लिया। इसीलिये उनकी शाखाओं का नाम तैत्तिरिया हुआ। याज्ञवल्वय ने अपने गुरु का स्थान छोड़कर सूर्य की उपासना की और सूर्य के वर से वे शुक्ल यजुर्वेद या वाजसनेयी सहिता के आचार्य हुए। इनका दूसरा नाम वाजसनेय भी था।

  • योगीश्वर याज्ञवल्क्य के वंशधर एक स्मृतिकार, मनुस्मृति के उपरांत इन्हीं के स्मृति का महत्व हैं, और उसका दायभाग आज तक प्रमाण माना जाता है

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