yajurved meaning in maithili
यजुर्वेद के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- वेदक एक संहिता जाहिमे यज्ञक क्रमसँ तदुपयोगी मन्चक सङ्कलन
Noun
- compendium of Vedic hymns of ritualistic importance.
यजुर्वेद के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- the name of a Hindu holy book, the second of the four Vedas
- the third of the four vedas
यजुर्वेद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
भारतीय आर्यों के चार प्रसिद्ध वेदों में से एक वेद जिसमें यज्ञ-कर्मों का विधान और विवरण है, भारतीय आर्यों के चार प्रसिद्ध वेदों में से दूसरा वेद जिसमें यज्ञ-कर्मों का विस्तृत विवेचन और यज्ञ संबंधी गद्य मंत्रों का संग्रह है, और इसी लिए जो वेदत्रयी का आधार माना जाता है, चार वेदों में से एक, वह वेद जिसमें यजुओं (गद्य मंत्रों) का संग्रह है
विशेष
. इसमें विशेषतः यज्ञकर्म का विस्तृत विवरण है और इसीलिए यह वेदत्रयी में भित्तिस्वरूप माना जाता है। यज्ञों में अध्वर्यु जिन गद्य मंत्रों का पाठ करता था, वे 'यजु' कहलाते थे। इस वेद में उन्हीं मंत्रों का संग्रह है, इसलिए इसे यजुर्वेद कहते हैं। इसके दो मुख्य भेद हैं- कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद या वाजसनेयी। कृष्ण यजुर्वेद में यजों का जितना पूर्ण और विस्तृत वर्णन है, इतना और संहिताओं में नहीं है। इन दोनों की भी बहुत सी शाखाएँ है, जिनमें थोड़ा बहुत पाठभेद है। अब तक यजुर्वेद की दो संहिताएँ मिली हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं- काठक, कपिस्थल-कठ, मैत्रायाणी और तैत्तिरिय। ये चारों कृष्ण यजुर्वेद की है। शुक्ल या वाजसनेयी की काणव और माध्यंदिनी दो शाखाएँ हैं। पतंजलि के मत से यजुर्वेद की 101 शाखाएँ है; पर चरणाव्यूह में केवल 86 शाखाएँ दी है और वायुपुराण में 23 शाखाएँ गिनाई गई हैं। इसके संहिता भाग मे ब्राह्मण और ब्राह्मण भाग में संहिता भी मिलती है। इस वेद में अनेक ऐसे विधिमंत्र भी हैं, जिनका अर्थ बहुत थोड़ा या कुछ भी नहीं ज्ञात होता। कुछ प्रार्थनाएँ भी ऐसी हैं, जो बिलकुल अर्थरहित जान पड़ती है। इसके कुछ मंत्र ऐसे हैं, जिनसे सूचित होता है कि उस समय लोगों में ब्रह्मज्ञान की बहुत कम चर्चा थी। इसमें देवताओं के नामों के साथ बहुत से विशेषण भी मिलते हैं, जिससे जान पड़ता है कि भक्ति की और भी लोगों की कुछ कुछ प्रवृत्ति हो चली थी। पुराणानुसार इस वेद के अधिपति शुक्र और वक्ता वैशंपायन माने जाते है। विशेष दे॰ 'वेद'।उदाहरण
. वह नियमित रूप से यजुर्वेद पढ़ता है।
यजुर्वेद के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- हिंदुओं के चार पवित्र ग्रंथों अथवा वेदों में से दूसरा वेद
Noun, Masculine
- second of the four Vedas.
यजुर्वेद के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- चार वेदों में से एक वेद का नाम, इसमें यज्ञ के मंत्र होते हैं
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