yudhishThir meaning in braj

युधिष्ठिर

युधिष्ठिर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

युधिष्ठिर के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • युधिष्ठिर, धर्मराज, पाँच पांडवों में प्रथम
  • युद्ध में निश्चल रहने वाला व्यक्ति

युधिष्ठिर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पाँच पांडवों में सबसे बड़े का नाम जो कुंती से उत्पन्न धर्म के पुत्र थे और पांडु के क्षेत्रज पुत्र थे

    विशेष
    . ये सत्यवादी और धर्मपरायण थे पर इन्हें जुए की लत थी, जिसके कारण यह अपना राज्य, भाइयों और स्वयं अपने आपको जुए में हार गए थे। महाभारत के संग्राम के अनंतर ये हस्तिनापुर के राजसिंहासन पर बैठे थे। महाभारत के अनुसार अपनी धर्मपरायणता के कारण ये हिमालय होकर सदेह स्वर्ग गए थे। ये आजन्म सत्य का पालन करते रहे। कुरुक्षेत्र के युद्ध में कृष्ण ने इनसे यह असत्य बात कहलानी चाही कि 'अश्वत्थामा मारा गया'। इस कथन से द्रोण की मृत्यु निश्चित थी। इन्होंने बहुत आगा पीछा किया पर अंत में इन्हें इतना कहना पड़ा। अश्वत्थामा मारा गया, न जाने हाथी या मनुष्य'। यह पिछाला वाक्य इन्होंने कुछ धीरे से कहा था।इनके जीवन भर में सत्य के अपलाप का केवल यही एक उदाहरण मिलता है।

युधिष्ठिर के पर्यायवाची शब्द

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