अक्षत के पर्यायवाची शब्द
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अंबक
वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप, वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है, आँख, नेत्र
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अक्षि
आँख, नेत्र, वह इंद्रिय जिससे प्राणियों को रूप वर्ण विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है
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अक्षुण्ण
समस्त , अविकृत , बिना टूटा हुआ, समूचा , वि० दे० 'अक्षय'
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अखंडित
जिसका भंजन न हुआ हो या जो टूटा हुआ न हो, जिसके टूकड़े न हो, विभाग-रहित अविच्छिन्न
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अप्रतिहत
जो प्रतिहत न हो, जिसका विघात न हुआ हो, जिसे आघात या ठोकर न लगी हो, अटूट
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अप्रभावित
जिस पर प्रभाव न पड़ा हो
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आँख
चलनी, चलना, गाड़ी का धुरा
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ईक्षण
ताकब, देखब
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कंचुकी
अँगिया, चोली
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कांचनक
हरताल ; चम्पा
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खील
कील, कॉआ, घाव का गाढा मवाद
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घृत
आर्द्र किया हुआ, तर किया या सींचा हुआ, सिंचित
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चंदन
सुगनिधत लकड़ी, एक वृक्ष जिसमें हीर की लकड़ी अति सुगन्धित होती हैं
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चक्षु
आँख नेत्र
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चख
चखना, वाद लेने के लिए किसी पदार्थ को थोड़ा सा खाना पीना
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चाउर
चावल
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चावल
तण्डुल (धान कंगनी सॉवा कोदो के भीतर से निकला हुआ अन्न रत्ती के आठवें भाग के बराबर का परिमाण)
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जव
जौ (अन्न), यव।
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जौ
गेहू की तरह, अन्न यव, जब यदि
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तंडुल
चावल
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तंदुल
एक अन्न जो भूसी उतारा हुआ धान है , चावल, वाबिड़ंग चावल, देखिए : ' तंडुल'
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तीक्ष्णशूक
जिसके टूँड पैने हों
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दिव्य
स्वर्ग से संबंध रखने वाला, स्वर्गीय
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दीदा
दृष्टि, निगाह, नज़र
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दीप
प्रकाश करने के लिए बना धातु, मिट्टी आदि का वह पात्र जिसमें तेल और बत्ती डालकर बत्ती को जलाई जाती है, दीपक, दीया, चराग़, जलती हुई बत्ती
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दृग
आँख, नेत्र, नयन, दृष्टि
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धान
एक अन्न जे कुटलापर चाउर कहबैत अछि
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धान्य
चार तिल का एक परिमाण या तौल
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धान्यराज
जौ
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धान्यसार
तंडुल, चावल
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धूप
लोबान का धूप या धुँआं, गंध, द्रव्य जलाकर निकाला हुआ धुँआ।
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नयन
मार्गदर्शन करने वाला, नायकत्व करने वाला
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निर्बाध
बिना किसी रुकावट के , बिना किसी बाधा के
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नेत्र
पुरस्कार जो विवाह आदि शुभ अवसरों पर सम्बन्धियों, आश्रितों तथा इन वृत्यों में सहायता देने वाले को दिया जाता है
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नैवेद्य
देवता के निवेदन के लिए भोज्य द्रव्य, वह भोजन सामग्री जो देवता को चढ़ाई जाय, देवता को समर्पित भोज्य पदार्थ, भोग, प्रसाद, देव-बलि
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पत्र
चिट्ठी पहुँचओनिहार
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पवित्र
कुश की बनी हुई पवित्री जिसे धार्मिक कृत्य करते समय अनामिका में पहनते हैं, यज्ञोपवीत, पवित्र धान्य, जौ
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पवित्रधान्य
जौ, यव
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पुजापा
पुजा की सामग्री
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पूर्ण
पूरा, भरा हुआ, परिपूर्ण, पूरित
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फल
परिणाम, निष्कर्ष, वृक्षों, बेलों, पौधों पर पैदा होने वाला फल जिसमें गूदा और बीज हो
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फूल
वृक्ष आदि के विकसित होने की क्रिया ; प्रसन्नता, हर्ष
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मेध्य
देवता-पितरके चढ़एबाक योग्य, पवित्र, (खाद्य वस्तु)
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यव
जौ नामक अन्न, विशेष दे॰ 'जौ'
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युवक
जवान , युवा , सोलह वर्ष से पैंतीस तक की उम्र का युवक
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रूक्ष
वृक्ष, पेड़
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रोली
दे. 'रोरी'
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रोहज
नेत्र
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लवा
अनाज का दाना जो भूनने से फूल गया हो, भुने हुए धान या ज्वार की खोल, लावा
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लाई
गुड़ में सानकर गोलाकार बनाई लाई, भोज्य वस्तु
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