रुचि के पर्यायवाची शब्द
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अतृप्ति
असंतोष, मन न भरने की अवस्था, तृप्ति का अभाव, अप्रसन्नता
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अनुराग
प्रेम,आसक्ति
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अभिरुचि
अनुराग
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अभिलाष
इच्छा, मनोरथ, कामना, चाह
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अभिलाषा
इच्छा, कामना, आकांक्षा
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आकांक्षा
इच्छा, अभिलाषा, वांछा, चाह
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आचरण
कोई कार्य आरंभ करके आगे बढ़ाना, अनुष्ठान
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आभा
छवि, शोभा, चमक
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आसक्ति
अनुरक्ति, लिप्तता, आसक्त होने की क्रिया अवस्था या भाव
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आस्वाद
स्वाद लेना
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इच्छा
अभिलाषा, लालख, चाह, आकांक्षा
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ईप्सा
इच्छा, वांछा, अभि- लाषा
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ईहा
इच्छा , कामना
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उज्ज्वलता
प्रकाश
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उल्फ़त
दोस्तों या मित्रों में होने वाला पारस्परिक संबंध, मित्रता, दोस्ती, याराना
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कांक्षा
इच्छा, अभिलाषा, चाह
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कांति
पति, शौहर
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कामना
इच्छा, हार्दिक इच्छा, मनोरथ
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क्षुत
छींक
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क्षुधा
भूख
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चमक
प्रकाश, ज्याति, अभा,दिप्ती, कान्ति, झलक, लचक चमकी बीमारी, किसी अंग के पेशियों का एकाएक तनना
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चरित्र
चालि, आचरण, चर्या, वैशिष्ट्य
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चारित्र्य
चरित्र
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चाह
चाय, इच्छा, अभिलाषा
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छंद
वेद वह वाक्य जिसमें वर्ण या मात्रा की गणना के अनुसार विराम आदि का नियम हो
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छवि
आभामंडल, प्रभाव, स्वरूप (व्यक्तित्व)
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झुकाव
किसी ओर लटकने, प्रवृत्त होने या झुकने की क्रिया
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तरल
तला हुआ
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तृष्णा
प्राप्ति के लिए आकुल करने वाली तीव्र इच्छा, लोभ, लालच
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दिलचस्पी
दिल का लगना
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दीप्ति
प्रकाश, चमक
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दोहद
गर्भकाल में गर्भवती स्त्री के मन में उत्पन्न होने वाली अनेक तरह की इच्छाएँ या कामनाएँ, गर्भवाली स्त्री की इच्छा, उकौना
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द्युति
(हरिवंश) एक ऋषि का नाम जो चतुर्थ मनु के समय में थे
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पसंद
रुचि के अनुकूल, रुचिकर; प्रिय; मनभावन
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प्यार
प्रेम, प्यार, प्रीति. 2. पुआल, धान का हूँछ, डंठल
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प्रकाश
वह जिसके भीतर पड़कर चीजें दिखाई पड़ती हैं , वह जिसके द्वारा वस्तुओं का रूप नेत्रों को गोचर होता है , दीप्ति , आभा , आलोक , ज्योति , चमक , तेज
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रणय
प्रेम
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प्रभा
दीप्ति , प्रकाश , आभा , चमक
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प्रवृत्ति
सहज उन्मुखता, झुकाओ, रचि
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प्रीति
प्रेम , प्यार; हर्ष, आनंद; कामदेव की एक पत्नी का नाम
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प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
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बुभुक्षा
भूख
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भूख
वह शारीरिक बेग जिसमें भोजन की इच्छा होता है , खाने की इच्छा , क्षृधा
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मनोरथ
मन की अभिलाषा
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मनोवृत्ति
चित्तवृत्ति ; मनोविकार
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ममता
ईश्वर का ध्यान छोड़कर शरीर और सांसारिक पदार्थों को अपना सर्वस्व समझने की क्रिया या भाव, 'वह मेरा है' इस प्रकार का भाव , किसी पदार्थ को अपना समझने का भाव , ममत्व , अपनापन
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मैत्री
दो व्यक्तियों के बीच का मित्र भाव, मित्रता, दोस्ती
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रस
किसी वस्तु के खाने का स्वाद, शरीरस्थ धातु विषेश कोई तरल पदार्थ, गुण, किसी पदार्थ का सार आनंद, प्रेम, जलीय अंश, धातुओं को फूक कर बनाया हुआ भस्म
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रुचा
दीप्ति, प्रकाश
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