akhanD meaning in braj
अखंड के ब्रज अर्थ
विशेषण
-
जिसके खंड या टुकड़े न हों, पूर्ण, समूचा
उदाहरण
. हरि को रूप कह्यो नहिं जाइ। अलख अखंड सदा इक भाइ। -
जिसका क्रम या सिलसिला न टूटे, अविच्छिन्न, निस्तर, लगातार
उदाहरण
. सलिल अखंड धारधर टूटत, किये इंद्र मन - निविघ्न
अन्य भारतीय भाषाओं में अखंड के समान शब्द
उर्दू अर्थ :
ग़ैर क़ाबिल-ए-तक़सीम - غیر قابل تقسیم
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