bii.Dhii meaning in braj
बीड़ी के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- दे० 'बोड़ा', इसमें पान, कत्था, चूना और सुपारी अलग-अलग होते हैं और तत्काल ठाकुर जो के सम्मुख लगाये जाते हैं, इसे लेने का अधिकार केवल गुसाईं के बालकों को होता है या यह गाय को खिला दी जाती है अथवा जमुना में प्रवाहित कर दो जाती है
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