kop meaning in braj
कोप के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक
-
अंकुर , कोपल
उदाहरण
. कर की ओपनि कोप कोमल कमल के । - कोंपल निकलना
अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक
-
क्रोध, रिस
उदाहरण
. समुझि मधुर मृदु क्वैलिया कीन्हो तिहि पै -
क्रोध करना , क्रुद्ध होना
उदाहरण
. बिरहि जिअत दिन वर्ष दस बिरह जि दिन कोपत महा ।
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