आस

आस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

आस के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • दूज की पूजा में रूई की मोटी बत्ती पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर हल्दी और गुड़ लगाकर बनाई गयी बत्ती जो दरवाज़े के दोनों ओर लगाई जाती है
  • आशा
  • किनारों में गुठी हुई मीठी पूड़ी, पुआ
  • आस-प्रत्यय जैसे— खटास, मिठास, उचास, हगास

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