आभरण

आभरण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • देखिए - आभरण

आभरण के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • गहना

Noun

  • ornament.

आभरण के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • ornament
  • decoration

आभरण के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मानव निर्मित वह वस्तु जिसके धारण करने से किसी की शोभा बढ़ जाती है, गहना, भूषण, आभूषण, ज़ेवर, आलंकार

    विशेष
    . इनकी गणना 12 है— (1) नूपुर (2) किकिणी (3) चुड़ी (4) अँगूठी (5) कंकण (6) बिजायठ (7) हार (8) कंठश्री (9) बेसर (10) बिरिया (11) टीका (12) सीस फूल। आभरण के चार भेद हैं— (1) आवेध्य अर्थात् जो छ्द्रि द्वारा पहने जाय; जैसे— कर्णफूल, बाली इत्यदि। (2) बंधनीय अर्थात् जो बाँधकर पहनी जाय; जैसे— बाजूबंद, पहुँची, सीसफ्रल, पुष्पादि। (3) क्षेप्य अर्थात् जिसमें अंग डालकर पहनें; जैसे— कड़ा, छड़ा, चूड़ी, मुंदरी इत्यादि। (4) आरेप्य अर्थात् जो किसी अंग में लटकाकर पहने जाय; जैसे— हार, कंठश्री, चंपाकली, सिकरी आदि।

  • पोषण, परवरिश, भरण-पोषण

आभरण के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

आभरण के तुकांत शब्द

संपूर्ण देखिए

आभरण के ब्रज अर्थ

आभर्ना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आभूषण, गहना

  • मानव निर्मित वह वस्तु जिसके धारण करने से किसी की शोभा बढ़ जाती है, गहना, भूषण, आभूषण, ज़ेवर, आलंकार

    विशेष
    . इनकी गणना 12 है— (1) नूपुर (2) किकिणी (3) चुड़ी (4) अँगूठी (5) कंकण (6) बिजायठ (7) हार (8) कंठश्री (9) बेसर (10) बिरिया (11) टीका (12) सीस फूल। आभरण के चार भेद हैं— (1) आवेध्य अर्थात् जो छ्द्रि द्वारा पहने जाय; जैसे— कर्णफूल, बाली इत्यदि। (2) बंधनीय अर्थात् जो बाँधकर पहनी जाय; जैसे— बाजूबंद, पहुँची, सीसफ्रल, पुष्पादि। (3) क्षेप्य अर्थात् जिसमें अंग डालकर पहनें; जैसे— कड़ा, छड़ा, चूड़ी, मुंदरी इत्यादि। (4) आरेप्य अर्थात् जो किसी अंग में लटकाकर पहने जाय; जैसे— हार, कंठश्री, चंपाकली, सिकरी आदि।

  • पोषण, परवरिश, भरण-पोषण

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा