akaath meaning in braj
अकाथ के ब्रज अर्थ
क्रिया-विशेषण, विशेषण
-
अकारथ , व्यर्थ , निष्फल , निरर्थक , वथा
उदाहरण
. रह्यो न पर प्रेम आतुर अति, जानी रजनी -
अकथ्य , न कहने योग्य , अकथनीय , अनि-र्वचनीय , उतु-जे जन चरन न सेवत तिनके जन्म अकाथ कृ
उदाहरण
. कमलनयन-विनु रह्यौउ न परिहै, मिलि, अकाथ जीवन कत गारति ।
अकाथ के हिंदी अर्थ
क्रिया-विशेषण
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अकारथ, व्यर्थ, निष्फल, निरर्थक, वृथा, फ़जूल
उदाहरण
. रह्यो न परै प्रेम आतर अति जानी रजनी जात अकाथ।
विशेषण
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न कहने योग्य, अकथनीय, अनिर्वचनीय
उदाहरण
. आपनों ज्यों हीरा सो पर ये हाथ व्रजनाथ। दै कै तो अकाथ हाथ मैने ऐसी मन लेहु।
अकाथ के तुकांत शब्द
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