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1.
ऊठना
'उठना', —तब श्री गुसाँई जो गोविंददास कोटोरि कै कहे, जो गोविंददास, ऊठो तुमको नवनीतप्रिय जी के सदैव ऐसे ही दरसन होंगे, —दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ २८९
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2.
उठाना
नीचि स्थिति से ऊँची स्थिति में करना , जैसे, लेटे हुए प्राणी को बैठाना या बैठे हुए प्राणी को खड़ा करना , किसी वस्तु को ऐसी स्थिति में लाना जिसमें उसका विस्तार पहले की अपेक्षा अधिक ऊँचाई तक पहुँचे , ऊँचा या खड़ा करना , जैसे—(क) दूहने के लिये—गाय को उठाओ , (ख) कुरसी गिर पड़ी है, उसे उठा दो
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3.
उट्ठना
'उठना'
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4.
उठना
नीची स्थिति से और ऊँची स्थिति में होना, किसी वस्तु का ऐसी स्थिती में होना जिसमें उसका विस्तार पहले की अपेक्षा अधिक ऊँचाई तक पहुँचे , जैसे, लेटे हुए प्राणी का खड़ा होना, ऊँचा होना
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5.
अठन्नी