बारह खड़ी

बारह खड़ी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

बारह खड़ी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वर्णमाला का वह अंश जिसमें प्रत्येक व्यंजन में अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अ: इन बारह स्वरों को मात्रा के रूप में लगातार बोलते/लिखते है

बारह खड़ी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • the aggregate of forms a consonant of the Devna:gri: alphabet assumes in combination with the vowels (क, का, कि, की, कु, कू, के, कै, को, कौ, कं, क:)

बारह खड़ी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देवनागरी वर्णामाला का वह अंश जिसमें प्रत्येक व्यंजन में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः आदि बारह स्वरों को मात्रा के रूप में लगाकार बोलते या लिखते हैं
  • (लाक्षणिक) किसी विषय का आरंभिक ज्ञान

बारह खड़ी के मगही अर्थ

संज्ञा

  • बर्णमाला के वे सभी व्यंजन जिसमें प्रत्येक में अ से अ: तक बारह स्वरों को मिलाकर बोलते या लिखते हैं, यथा, क, का, कि, की, कु, कू, के, के, को, कौ, कं, क:, इसी प्रकार अन्य व्यंजन वर्ण

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