balaay meaning in kannauji
बलाय के कन्नौजी अर्थ
अरबी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- विपत्ति
बलाय के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- बरुना नामक वृक्ष, बन्ना, बलास
अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
आपत्ति , विपत्ति , बला
उदाहरण
. लालन तेरे मुख रहौं वारी । बाल गोपाल लगो इन नैननि रोगु बलाय तुम्हारी । -
दुख , कष्ट
उदाहरण
. हरि को मति पूछति इमि गायो बिरह बलाय । परत कान तजि मान तिय मिली कान्ह सों जाय । - भूत प्रेत की बाधा
-
दुःखदायक रोग जो पीछा न छोड़े , व्याधि
उदाहरण
. अलि इन लोचन को कहूँ उपजी बड़ी बलाय । नीर भरे नित प्रति रहैं तऊ न प्यास बुझाय । -
पीछा न छोड़नेवाला शत्रु , अत्यंत दुःखदायी मनुष्य , बहुत तंग करनेवाला आदगी
विशेष
. स्त्रियाँ प्रायः बच्चों के ऊपर से हाथ घुमाकर और फिर ऊपर ले जाकर इस भाव को प्रकट करती हैं । उ॰— (क) निकट बुलाय बिठाय निरखि मुख आँचर लेति बलाय ।—सूर (शब्द॰) । (ख) लै बलाय सुकर लगायो निरखि मंगलचार गायो ।—सूर (शब्द॰) ।उदाहरण
. बापुरी विभीषन पुकारि बार बार कह्यौ बानर बड़ी वलाय बने घर घालि है । - एक रोग जिसमें रोगी की उँगली के छोर या गाँठ पर फोड़ा हो जाता है , इसमें रोगी को बहुत कष्ट होता है और उँगली कट जाती या टेढ़ी हो जाती है
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- विपत्ति; संकट; आफ़त
बलाय से संबंधित मुहावरे
बलाय के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- आपत्ति, विपत्ति, दुःख कष्ट
बलाय के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- प्रेत बाधा
बलाय के मगही अर्थ
विशेषण
- अन्य, जो अपना न हो
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