बंद

बंद के अर्थ :

बंद के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • मुनल, झाँपल, आवृत
  • निरुद्ध, गतिहीन भेल

Adjective

  • closed. shut, packed.
  • locked, blocked, confined, stopped.

बंद के हिंदी अर्थ

संज्ञा, विशेषण

  • वह चीज़ जिससे कुछ बाँधा जाए
  • (किवाड़, ढकना आदि ) जो ऐसी स्थिति में हो जिससे कोई वस्तु अंदर से बाहर या बाहर से अंदर न जा सके
  • डोरी की तरह बटा हुआ वह कपड़ा जो पहनने के कपड़ों में उनके पल्ले बाँधने के लिए लगाया जाता है
  • जड़ने, बाँधने या लगाने वाला (केवल शब्दों के अन्त में प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होता है)
  • जहाँ अस्थायी या स्थायी रूप से कार्य को रोक दिया गया हो या स्थगित कर दिया गया हो
  • दुख, विरोध या असंतोष प्रकट करने के लिए कल-कारखानों, कार्यालयों आदि के कर्मचारियों या जन-साधारण का कारोबार, दुकानें आदि बंद कर देने की क्रिया
  • जिसके अन्दर लोगों के आने-जाने की मनाही हो
  • जूता बांधने का बंद
  • नदी या जलाशय का जल रोकने के लिए उसके किनारे बनी हुई मिट्टी, पत्थर आदि की रचना
  • जिसके साथ लेन-देन का व्यवहार खत्म हो चुका हो
  • घाघरा,पाजामा आदि बाँधने की सूत की बुनी हुई या साधारण डोरी
  • जिसके साथ समाजिक व्यवहार न रखा गया हो
  • जिसकी क्रिया पूरी तरह से रुक गई हो अथवा रोक दी गई हो
  • जो रुँधा या रुका हुआ हो
  • रुका हुआ

बंद के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

बंद के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह चीज जो किसी दूसरी चीज को बाँधती हो. 2. शरीर के किसी अंग को किसी चीज से बाँधकर अंग विशेष का रक्त संचार रोक देना. 3. किसी प्रवाह को रोक देना या रुकना

बंद के कुमाउँनी अर्थ

विशेषण

  • बंद, समाप्त, ढका हुआ

बंद के गढ़वाली अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • बन्धन, कैद; रुका हुआ, अवरुद्ध, प्रतिबन्धित, जो चारों ओर या किसी भी ओर से खुला न हो

Adjective, Masculine

  • a fastening, bondage, obstructed or restrained, closed.

बंद के बुंदेली अर्थ

बँद

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तालाब का बँधान, कपड़े की तनी

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • प्रचलन से बाहर, निष्क्रिय, बन्धु (भाई-बन्द) शब्द युग्म में प्रयुक्त (सं.पु.), जो खुला न हो

बंद के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • १, बंधन ; बांधने वाली वस्तु , तनी

    उदाहरण
    . वंद छुटे कंचुकी के ।


पुल्लिंग

  • झुंड , समूह

    उदाहरण
    . आइये तहाँ ही पदमाकर पियारे कान्ह आनि जुरे चौचंद चबाइन के बृद बृद ।

बंद के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • बँधन, फीता, रोका हुआ।

  • खुला न हो, बन्धन।

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