bhagdar meaning in braj
भगदर के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
-
भागने की क्रिया , पलायन ; छोटे मच्छड़
उदाहरण
. बिच्छिन कोल पतंग उस भगदर बढ़हिं अलेख ।
भगदर के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- अचानक बहुत से लोगों का किसी कारण से एक और अस्तव्यस्त होकर भागना, भागने की क्रिया या भाव, क्रि॰ प्र॰—पड़ना, —मचना
भगदर के कन्नौजी अर्थ
- बहुत लोगों का बदहवास होकर एक साथ भागने की क्रिया
भगदर के बघेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- भीड़ में खलबली मच जाना, भाग-दौड़ मच जाना
भगदर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- बहुत से लोगों का डरकर भागना
भगदर के मगही अर्थ
- भागने की क्रिया या भाव; घबड़ाकर तितर-बितर होना, भाग-दौड़, पुरुषार्थ
भगदर के तुकांत शब्द
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