भवचक्र

भवचक्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

भवचक्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्धों के अनुसार वह कल्पित चक्र जिससे यह जाना जाता है कि कौन कौन कर्म करने से जीवात्मा को किन किन योनियों में भ्रमण करना पड़ता है, (भिन्न भिन्न बौद्ध संप्रदायों के अनुसार ये भवचक्र भी कुछ भिन्न भिन्न हैं)

    उदाहरण
    . कहते हैं कि भवचक्र में चौरासी लाख योनियाँ आती हैं।

  • बार-बार जन्म लेने और मरने का चक्र, सांसारिक आवागमन
  • मोह-माया का जाल
  • सांसारिक झंझट या जंजाल
  • धनुष

भवचक्र के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the perpetual wheel of birth and death

भवचक्र के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्ध सिद्धातानुसार चक्र जिसके द्वारा जीव के भिन्न-भिन्न योनियों में घूमने का वृत्तांत जाना जाता है

भवचक्र के मगही अर्थ

भौचक्कर, भौचक

संज्ञा

  • सांसारिक झमेला
  • जीवन निर्वाह के काम
  • सुख-दुख का भोग

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