brahmruupak meaning in hindi
ब्रह्मरूपक के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक छद जिसके प्रत्येक चरण में गुरु, लघु, गुरु लघु के क्रम से १६ अक्षर होते हैं, इसे 'चंचला' और 'चित्र' भी कहते है, जैसे,—अत्र देइ सीख देइ राखी लेई प्राण जात, राज बाप मोल लै करै जु दिह पोषि गात, दास होय पुत्र होय, शिष्य होय कोइ माइ, शासना न मानई, तो कोटि जन्म नर्क जाइ, —केशव (शब्द॰)
ब्रह्मरूपक के तुकांत शब्द
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