छोर

छोर के अर्थ :

छोर के ब्रज अर्थ

सकर्मक क्रिया

  • छुड़ाना

    उदाहरण
    . जेंवन न देत छीडि लेत महा हेतकरि ।

  • स्वतंत्र करना ; परित्याग करना; अवशिष्ट रहने देना ; किसी वस्तु पर से अपना स्वामित्व हटा लेना; कर्तव्य आदि का निर्वाह करना ; खोलना

    उदाहरण
    . कहूँ सोहत कंचुकि के बंद छोर ।

  • छिन्न-भिन्न करना

    उदाहरण
    . दया भक्ति श्रद्धा छिमा छम छीड़ो ।

छोर के हिंदी अर्थ

छोड़

संस्कृत ; विशेषण

  • छोड़नेवाला, त्यागनेवाला, जैसे, = 'रणछोड़ राय का मंदिर' में 'छोड़' शब्द

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • नाता टूटने या संबंध— त्याग, क्रि॰ प्र॰—करना, —बोलना, —होना

छोर के कुमाउँनी अर्थ

छोड़, छौड़

क्रिया

  • छोड़ने की आज्ञा के लिए प्रयुक्त

छोर के गढ़वाली अर्थ

छोड़, छौड़, छवड़

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चौड़ाई का अंतिम भाग, कगार, किनारा, सिरा, तरफ, ओर

Noun, Masculine

  • end, edge, border, boundary, side, direction.

छोर के मालवी अर्थ

छोड़

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चढ़ाई, चढ़ाव,

क्रिया

  • छोड़ना अलग करना, सं.- हरे चने का पौधा तथा उसका फल,

विशेषण

  • दीपावली पर की जाने वाली गौ -क्रीड़ा। इसमें शृंगारित गाय के सम्मुख तिकोने डण्डे पर लपेटा हुआ चमड़ा लगाया जाता है। ढोल बजने एवं फराके छोड़ने से गाय चमकती है और अपने नुकीले सींगों से उस छोड़ नामक आकृति को बेध डालती है। इसे छोड़ क्रीड़ा कहा जाता है।

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